गुरू नानक सच्चा संत
कहे करो कुरीतियों का अंत
ढोंगी सारे रागी, पादरी, मौलवी, महंत
नहीं जरूरत पढ़न दी नमाज
अंदर से आनी चाहिए आवाज
आरती करने से नहीं मिले कोई फल
अरदास नहीं किसी समस्या का हल
जब तक नहीं होगी सच्ची लगन, नहीं बनेगी गल
सूरज को काहे चढ़ाए जा रहे हो जल
कुछ नहीं होगा हासिल बजाकर मंदिरों में टल
जब तक है जीवन कीरथ करो
नाम सिमरन की झोली भरो
छोड़ दो बहारी आडम्बर
चाहते हो प्रभु मिलन अगर
तो झूठ, दिखावे से करो परहेज
निंदा चुगली से करो गुरेज
गुरू नानक के बताए रास्ते पर अग्रसर होते जाए
गुरू पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।